राधा कृष्ण प्राण मोरा जुगल किशोर

जीवन मरण गति, और नाहीं मोर

 

कालिंदी तीरे सघन कादम्बरा वन

रतन आसन ऊपर बैठाऊँ दू-जन

 

स्यामा-गौरी अंग लेपूँ चन्दन गंध

चंवर ढुला के देखूं छवि मुख चंद्र

 

गठ मालती माला संवारूँ जुगल गले

अधर उनके धरूँ कर्पूर-ताम्बूले

 

ललिता विशाखा आदि सगरी सखी बृंद

आनंद ह्रदय मह, सेवा चरणारविंद

 

श्री कृष्ण चैतन्य प्रभु दासों का दास

सेवा अभिलाषा करे ये नरोत्तम दास

 

(मूल कृति, बंगाली भाषा – नरोत्तम दास)

हिंदी अनुवाद त्रुटियों सहित –  क्षमाप्रार्थी मुकुल)

अप्रैल १७ २०२१

 

My Dear Krishna

 

हे भक्त वृन्दोंके प्राण प्यारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं

तुम्हीं  हो माता पिता हमारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं |

 

तुम हो द्वापर के देव न्यारे

तुम्हीं थे कंस के प्राण हारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं |

 

सभा द्रौपदी अति-दीन पुकारे

प्रकट हो तुम ही चीर सम्भारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं |

तुम्हीं हो गीता सन्देश धारे

तुम्हीं थे अर्जुन विजय-आधारे

 

नमामि राधे नमामि कृष्णं |

तुम्हीं हमारे एक सहारे

बसों हे भगवन ह्रदय हमारे

नमामि राधे नमामि कृष्णं |

 

मूल कृति B.R. Chopra द्वारा प्रस्तुत महाभारत TV serial की है|

 

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

कृपालु राम भगवन हे शरण में तू मुझे रख ले

 

अधम पापी मैं अभिमानी निर्बल और अज्ञानी

कृपा करके प्रभु मेरे अवगुण सब भुला तू दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

महिमा जो तुम्हारी है सभी गुणगान करते हैं

दया कर हे प्रभु मेरे ये महिमा पार तू कर दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

माँ शबरी निहारे बाट बुहारे रास्ते, भर आस

चल उन रास्तों पर ही शबरी की राम अब सुध ले

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

त्याग विभीषण पद दरबार, तेरी कृपा की लेकर आस

यही अब आस संबल है विभीषण आज शरण तू दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

हृदय में भय लिए केवट, मांगे तुझसे ये वरदान

चरण-कमल पखारूँ मैं प्रभु अब तो मुझे तर दे

चरणों में प्रभु तेरे, मुझको भी प्रेम रस वर दे

 

अयोध्या के राम जी की सेवा में समर्पित १/२/२०२४

धुन: – ‘सजा दो घर को गुलशन सा अवध में राम आए हैं’’ भजन